मंगलवार 30 दिसंबर 2025 - 15:37
क़ुम में यौम अल्लाह 9 दी को ऐतिहासिक इज्तिमा, इन्क़ेलाब और विलायत के साथ मनाया गया

हौज़ा / क़ुम मुक़द्दस के इन्क़ेलाबी अवाम ने यौमे-अल्लाह 9 दी के मौक़े पर एक बड़ा और ऐतिहासिक इज्तिमा किया। इस इज्तिमा में उन्होंने इस्लामी इन्क़ेलाब के मक़ासिद से अपनी मज़बूत वफ़ादारी का एलान किया और विलायत-ए-फ़क़ीह की पूरी हिमायत पर ज़ोर दिया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , क़ुम शहर में लोगों ने यौमे-अल्लाह 9 दी के अवसर पर एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक सम्मेलन किया। इस सम्मेलन में उन्होंने इस्लामी क्रांति के लक्ष्यों के प्रति अपनी मजबूत और अटूट निष्ठा दिखाई और विलायत-ए-फ़क़ीह का पूरा समर्थन जताया। इस कार्यक्रम के ज़रिए लोगों ने फ़ैज़िया मदरसे से पूरी दुनिया को साफ संदेश दिया कि वे उपद्रव और नफरत फैलाने वालों से नफ़रत करते हैं और इस्लामी व्यवस्था और क्रांति की रक्षा के लिए हर बलिदान देने को तैयार हैं।

यौमे अल्लाह 9 दी को “समझ, जागरूकता और विलायत के साथ जनता के संकल्प का दिन” कहा जाता है। इसी अवसर पर क़ुम के जागरूक और क्रांतिकारी लोगों का यह ऐतिहासिक सम्मेलन फ़ैज़िया मदरसे में हुआ।

क़ुम में यौम अल्लाह 9 दी को ऐतिहासिक इज्तिमा, इन्क़ेलाब और विलायत के साथ मनाया गया

इसमें धर्मगुरु, हौज़ा के अधिकारी, शिक्षक, छात्र और बड़ी संख्या में आम लोग शामिल हुए। इस मौके पर आयतुल्लाह अली रज़ा आराफ़ी, आयतुल्लाह सैयद हाशिम हुसैनी बूशहरी, आयतुल्लाह मोहसिन अराकी सहित कई प्रमुख धार्मिक हस्तियां और बड़े धर्मगुरुओं के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

कार्यक्रम शुरू होते ही फ़ैज़िया मदरसा लोगों से भर गया और हर पल लोगों की संख्या बढ़ती गई। उपस्थित लोगों ने साफ शब्दों में कहा कि वे इस्लामी क्रांति, इस्लामी व्यवस्था और देश की रक्षा के लिए अपनी जान देने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

क़ुम में यौम अल्लाह 9 दी को ऐतिहासिक इज्तिमा, इन्क़ेलाब और विलायत के साथ मनाया गया

इस अवसर पर उन्होंने सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल इमाम ख़ामेनेई के साथ फिर से निष्ठा की घोषणा की और देश के अंदर उपद्रव फैलाने वालों के साथ-साथ अमेरिका और इस्राइल के खिलाफ कड़ा विरोध जताया।लोग “अल्लाहु अकबर”, “ख़ामेनेई हमारे नेता”, “अमेरिका मुर्दाबाद” और “इस्राइल मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाते रहे।

इन नारों से उनका साहस, हिम्मत और दृढ़ता साफ दिखाई दे रही थी। “हमें अपमान मंज़ूर नहीं” जैसे नारों से यह संदेश दिया गया कि देश किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेगा।

कार्यक्रम के अंत में लोगों ने कहा कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात और दुश्मनों की साज़िशों के बावजूद ईरान की जनता पहले से ज़्यादा मजबूत और एकजुट है। उन्होंने घोषणा की कि वे क्रांति के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी के रास्ते पर चलेंगे, शहीदों की कुर्बानियों की रक्षा करेंगे और सर्वोच्च नेता की अगुवाई में सम्मान और तरक़्क़ी की ओर आगे बढ़ते रहेंगे।

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